हम सौभाग्यशाली हैं कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में हमें पंडित जवाहरलाल नेहरु मिले। उनकी दूरदर्शिता ने एक मज़बूत आधुनिक भारत का ख़ाका तैयार किया। आज़ादी के बाद जब उन्हें देश चलाने के लिए मिला तो पूरे देश में भड़के सांप्रदायिक दंगे उनके लिए बड़ी चुनौती थी। इसके अलावा देश में फैली हुई गरीबी परेशानी का सबब बनी।
शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में तो जैसे भारत शून्य था। इतनी सारी चुनौतियों से जूझने के लिए भारत के पास उतना धन भी नहीं था। मगर पंडित जी की सूझबूझ एवं बेहतरीन प्लानिंग के चलते देश आगे बढ़ा। योजना आयोग के साथ शुरू की गयी पंचवर्षीय योजनाओं ने देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया।
देश के नागरिकों के बेहतरीन इलाज के लिए उन्होंने दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की। इसके साथ ही देश के कई हिस्सों में अच्छे स्कूल एवं अस्पताल खोले। भारत के अन्दर ही बेहतरीन इंजिनियर बनाने के लिए आईआईटी जैसे संस्थानों की स्थापना की, आईआईएम बनाया। इसके अलावा विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों की स्थापना कर देश को मजबूत आधार दिया। वर्तमान में शासन कर रही नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार इन्हीं सार्वजनिक संस्थाओं एवं उपक्रमों का विनिवेश कर-कर के देश चला रही है।
भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा पंडित जी का बड़े स्तर पर दुष्प्रचार किया जा रहा है। देश में हो रहे हर बुरे के लिए नेहरु जी को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है। मगर वह नहीं जानते कि इससे नेहरु जी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। वह एक ग्लोबल लीडर थे। विश्व का हर एक देश उनका पूरा सम्मान करता था। आज भी कई देशों में भारत को गाँधी-नेहरु के देश के नाम से जाना जाता है।