किसके राम?

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ। सदियों से उनकी जन्मभूमि को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। अंततः आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम जन्मभूमि का भूमिपूजन कार्यारम्भ किया जा रहा है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। उसके बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम आता है। मोहन भागवत ऐसे कौन से संवैधानिक पद पर हैं जो उन्हें राज्यपाल व मुख्यमंत्री के ऊपर रखा गया है यह राम ही जानें।

हाल ही में राम जन्मभूमि से जुड़े कई विडियो वायरल हुए। मुख्य रूप से भाजपा की ही नेत्री सुश्री उमा भारती एवं सुब्रमण्यम स्वामी जी का विडियो सामने आया है। उमा भारती जी ने साफ़ तौर से कहा है कि भगवान् राम भारतीय जनता पार्टी की बपौती नहीं है। स्वामी ने कहा कि मंदिर के निर्माण में भाजपा का कोई योगदान नहीं है। बल्कि इस कार्य की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी जी ने की थी।

देशवासियों की भगवान् राम के प्रति आस्था को देखते हुए श्री राजीव गाँधी जी ने टीवी धारावाहिक “रामायण” बनाने को कहा। रामायण के कार्यक्रम ने भगवान् राम की एक छवि देश की जनता के मन में अंकित की। हाल ही में रामायण का पुनः प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया। जिसको देखकर नयी पीढ़ी का भगवान श्री राम के प्रति लगाव और बढ़ा। राजीव गाँधी जी एवं रामानंद सागर के प्रयासों से रामायण एक अमर धारावाहिक बन गया। भगवान् राम में राजीव जी की श्रद्धा जगजाहिर थी। राम जन्मभूमि को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर वर्षों से लगा मंदिर का ताला राजीव गाँधी जी द्वारा खोला गया।

आज भाजपा द्वारा मंदिर का पूरा क्रेडिट अपने माथे लिया जा रहा है। वैसे यह भारतीय जनता पार्टी की पुरानी आदत है। दूसरों के किए गए कामों को अपना काम बताना। खैर, अयोध्या में राम मंदिर बनना अपने आप में एक बड़ा कार्य है। मंदिर के बनने से अयोध्या की रूपरेखा बदलेगी, पर्यटन बढेगा, रोज़गार बढ़ेंगे।

मगर भाजपा को अपनी पार्टी के आगे बढ़कर भी सोचना होगा। भगवान् राम सिर्फ उनके नहीं हैं। वह पूरी जनता के हैं, सारे देश के हैं। इसमें एक पार्टी से बढ़कर इन्हें सोचना होगा।

भगवान् राम में हमारी असीम श्रद्धा है।

जय श्री राम, जय हनुमान