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जनता को टीवी मीडिया से बहुत उम्मीदें हैं।

लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाने वाले भारतीय मीडिया के कुछ चैनलों ने इस स्तम्भ को गहरी क्षति पहुँचाई है। मीडिया चैनलों पर दो लोगों में मतभेद होना एक आम बात है। यह हमारे स्वतंत्रता के मूल अधिकार के तहत मिला अधिकार है। 

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